अभी तक पत्नी और बेटी ही भरण-पोषण के लिए आवेदन देती थीं, लेकिन पहली बार किसी ट्रांसजेंडर ने अपने और मां के लिए भरण पोषण की मांग की है। ट्रांसजेंडर के पिता 25वीं बटालियन में कार्यरत थे। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने परिवार से नाता तोड़कर दूसरी शादी कर ली। इस मामले में जिला विधिक प्राधिकरण द्वारा ट्रांसजेंडर को विधिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। साथ ही ट्रांसजेंडर के लिए बनाए गए नए कानून के तहत उनके अधिकारों का भी जानकारी ली जा रही है।
ट्रांसजेंडर ने जज को बताया कि उसके परिवार में 5 और बहनें है। उनकी शादी हो चुकी है। जब वे छोटी थीं तब पिता मां से अलग हो गए, लेकिन उनका घर आना जाना लगा रहा। वे भरण-पोषण भी देते थे। उन्होंने मुझे कभी अपनी औलाद नहीं माना। जैसे में बड़ी हो रही थी पिता परिवार से उतने ही दूर जा रहे थे। रिटायरमेंट के दो साल बाद वर्ष 2013 में उन्होंने मां से तलाक लिया और आर्थिक मदद करना बंद कर दी।